अपना कर्तव्य
अपना कर्तव्य
समय चक्र कभी न थमता
कभी ना थकता कभी ना रुकता
यह सदैव चलता रहता
हमें भी इस राह पर चलते जाना है
हमेशा अपना कर्तव्य निभाना है
सागर की लहरें कभी ना ठहरती
नदियाॅं कभी बहना ना छोड़ती
पक्षी कभी उड़ना न भूलतें
हमें भी व्यर्थ समय ना गंवाना है
कर्त्तव्य पथ पर बढ़ते जाना है
सूर्य उदय होना ना छोड़ता
मेघ कभी बरसना ना छोड़ता
तारे टिमटिमाना ना छोड़तें
फूल कभी खिलना ना छोड़तें
अपने कर्म से ना घबराना है
अपना कर्तव्य निभाना है
माता-पिता व गुरू से
हम बहुत कुछ हैं सीखतें
सदैव उनके दिखलाएं
मार्ग पर हैं चलते
हमेशा उनके दिए
संस्कार पर हमें चलना है
सदा अपना कर्म करना है
हमेशा कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ना है
समाज ने भी हमें
रहन-सहन सिखाया है
समाज की परंपराओं ने
पहचान हमें दिलाया है
सामाजिक मर्यादा का ख्याल रखकर
अपनी पहचान बनाना है
अपना कर्तव्य निभाना है
हमारे देश ने हमें
भारतीयता का भाव दिया है
एकता में अनेकता का
खुबसूरत सा मिसाल दिया है
देश की आन बान और शान को
हमें अक्क्षुण रखना है
देश की रक्षा के लिए
जान देकर भी हमें
अपना कर्तव्य निभाना है।