STORYMIRROR

Dr.rajmati Surana

Abstract

4  

Dr.rajmati Surana

Abstract

अंत होना जरूरी है

अंत होना जरूरी है

1 min
346

कुछ अधूरी बातों का अंत होना जरूरी है, 

कभी-कभी जीवन में संत होना जरूरी है ।


मजलूमों की आवाज़ से नीर बहते हैं मेरे, 

बाजारे-शराफत में बसंत होना जरूरी है ।


चुभता है हमेशा सत्य जो तीखा होता है, 

दर्द भरे रास्तों का जीवन्त होना जरूरी है ।


धर्म के नाम पर बाँट दिया हमने खुदा को,

खुदा की हिफाजत हेतु महंत होना जरूरी है ।


वक्त के हाथों की कठपुतलियां है सभी यहाँ, 

वैराग्य के मार्ग हेतु अरिहंत होना जरूरी है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract