अंत होना जरूरी है
अंत होना जरूरी है
कुछ अधूरी बातों का अंत होना जरूरी है,
कभी-कभी जीवन में संत होना जरूरी है ।
मजलूमों की आवाज़ से नीर बहते हैं मेरे,
बाजारे-शराफत में बसंत होना जरूरी है ।
चुभता है हमेशा सत्य जो तीखा होता है,
दर्द भरे रास्तों का जीवन्त होना जरूरी है ।
धर्म के नाम पर बाँट दिया हमने खुदा को,
खुदा की हिफाजत हेतु महंत होना जरूरी है ।
वक्त के हाथों की कठपुतलियां है सभी यहाँ,
वैराग्य के मार्ग हेतु अरिहंत होना जरूरी है।
