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Ranjan Shaw

Romance

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Ranjan Shaw

Romance

अनसुना सा कुछ

अनसुना सा कुछ

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उसकी आंखें जब कहने लगी मुझसे

मैं भी उसे समझने लगा ।


होंठों को छूआ था जब उसके

बारिश भी आसमान से होने लगी ।


आसमानों के सितारे 

जगमगाने लगे हैं ।


मेरे दिल की धड़कने भी

आज कुछ अनसुना गाने लगी हैं।


यार तू तोड़ दे,

आज सारे बंधनों को ।


आ जा न मेरे दिल में

हो रही कुछ खलबली है ।


चल मिल के मचाएंगे

प्यार का विगुल अब , सारे ज़हान.. में ।


प्यार करता हूं 

मैं तुमसे। 


आज बता दूं 

सारे ज़हान को ।



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