आत्मशक्ति-~ रंजन साव
आत्मशक्ति-~ रंजन साव
आवाज़ उठाने के लिए
जज्बातों को चोटिल होना पड़ता है ।
नज़रों को मिलाने के लिए
खुद को तैयार होना पड़ता है ।
जो कह रहे हैं मुश्किल नहीं है
वो पहले ही काबिल बन बैठे हैं ।
तुम सोच में पड़े हो अब भी
तो तुम बुजदिल कहलाओगे ।
अंदर की आत्मा के सवालों से
तुम कभी लड़ न पाओगे ।
