अंजाम
अंजाम
तेरे चहेरे की खूबसूरती ने,
अंधेरेमें उजाला फैला दिया,
तेरे चहेरे की चमकती रोशनीने,
चांद को भी निस्तेज बना दिया।
तेरी पलकों के पलकारेंने,
पवन को लहेराता रोक दिया,
तेरे योवन की अंगड़ाईने,
सूरज को भी बादलोंमे छूपा दिया।
तेरी मतवाली अदाओंने,
मेरे दिल को बहोत तड़पा दिया,
जाम मैने पीया नहिं था,
फिर भी मुजे नशेमें डूबा गया।
तेरे अधरों के सरकते शब्दोंने,
मेरे हाथ में कलम पकडा दिया,
लिख रहा था मै तेरी गज़ल "मुरली",
गज़ल के शेर को भी अंजाम दे दिया।