इजाजत
इजाजत
दिल में उतरी है जो मोहब्बत आपकी।
रोशन हुआ तुमसे है दरियादिली आपकी।।
दिल जो धड़कता है ये बंदगी आपकी।
भा गई है मुझे ये सादगी आपकी।।
आपका ग़म अब मेरा भी ग़म बन गया।
और खुशी बन गई हर खुशी आपकी।।
जिंदगी के हर कदम और हरेक सांस में।
याद आती रही हर घड़ी आपकी।।
बनाकर तुमने मुझे अपना जीवन ही बदल दिया।
कोई नहीं कर सकता बराबरी आपकी।।
तुमसे जुड़ा जो रिश्ता आदमी बना दिया।
क्या निभाया तुमने, है बेपनाह मोहब्बत आपकी।।
जो कुछ भी दिया तुमने औकात न थी मेरी।
प्रेम की मूरत सामने आ गई आपकी।।
आप ही समाये हो हर धड़कनों में मेरी।
"नीरज" करता रहे मोहब्बत, गर इजाजत हो आपकी।।