STORYMIRROR

Sonali Mandal

Romance

4  

Sonali Mandal

Romance

कयामत तक याद करोगे

कयामत तक याद करोगे

1 min
241

कयामत तक याद करोगे

किसीने दिल लगाई थी

बिन कुछ मांगें, बिन कुछ कहे

बेपनाह मोहब्बत करती थी।


खोने के डर से कभी बता नही पाई

दिल की अनकही बातें,

तुम्हें देखने की बाद किसी औरों से

नजर तक ना मिलाया करती थी।


ना कभी समझा ना समझने की

कोसिस की तुमने....

वो अक्सर उसकी दिल की बातें

सायरी से बताया करती थी।


हां कभी नाम नहीं लिया तुम्हारा

मगर इशारा तुम्हीं पर हीं था

हर दुआओं हर मन्नतों मैं

तुम्हारा नाम लिया करती थी।


कयामत तक याद करोगे किसी ने 

दिल लगाई थी।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance