तुम
तुम
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तुम...
जानते हो मेरे लिए
क्या मायने रखते हो
मेरे आधे अधूरे शब्दों में ...!
तुम..
शब्द ही नहीं
मेरी पूरी दुनिया हो
अधूरे जीवन की..!
तुम्हारे मिलन के पूर्व ही
तुमसे प्रेम करने लगी
और फिर उतर आये
मेरे अल्फाज़ों मे तुम..!
और क्या बताऊँ कि
किस कदर समझने लगे
फिर मुझे तुम...!