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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Romance Tragedy

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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Romance Tragedy

तेरे बगैर मैं क्या करुं?

तेरे बगैर मैं क्या करुं?

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मेरा नाजुक दिल तेरे लिये है,

धड़कन सुनकर मैं क्या करुं?

जब तू दिल में समाती नहीं है तो,

तेरी तस्वीर बसाकर मैं क्या करुं? 


शाम के ये सुंदर नज़ारों को,

देखकर मैं क्या बयान करुं?

जब तू मुझे नज़र आती नहीं है तो,

चांद में तुझे देखकर मैं क्या करुं?


आसमान के सितारों के साथ,

महफिल जमाकर मैं क्या करुं?

जब तू महफिल में आती नही है तो,

तेरा इंतजार कर के मैं क्या करुं?


हेमंत की सुहानी रात में "मुरली", 

तुझे ढूंढकर भी मैं क्या करुं?

जब तू इश्क की जाम बनती नहीं है तो,

मयखाना बनकर मैं क्या करुं?



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