मै कहता हूंँ
मै कहता हूंँ
मेरा कह दो इस समंदर की लहरों को,
वो ज्यादा शोर न मचाया करें ,
मैं अपने पैरों से नहीं मगर उमंग से उड़ान भरता हूंँ।
कह दो इस प्रपंची लोगों को,
वो ज्यादा छल कपट न किया करें,
मैं प्रपंच से नहीं मगर मानव सेवा से जीवन महकाता हूंँ।
कह दो इस नफ़रत करनेवालों को,
वो नफ़रत की आग न जलाया करें,
मैं नफ़रत से नहीं मगर प्रेम से सब का दिल जीतता हूंँ।
कह दो इस हंगामा करनेवालों को,
वो माहौल को अशांत न बनाया करें,
मैं हंगामा से नहीं मगर "मुरली" धुन से शांति फैलाता हूंँ
