अंधेरी दौड़
अंधेरी दौड़
चल रहे हैं सब,
दौड़ रहे हैं सब,
किसी को विजय की आस है,
किसी को प्रेम की प्यास है,
कोई धन कमाने दौड़ रहा हैं,
कोई रोटी जुटाने दौड़ रहे हैं,
चल रहे हैं सभी,
एक आस के साथ,
एक प्यास के साथ,
सोच रहे है केवल खुद को,
पर दूर कर रहे खुद को,
कहाँ से कहाँ जा रहे हैं,
एक अंधी दौड़ में भागे जा रहे हैं,
न मन को सुकून,न तन को सुकून,
पर कैसा है ये जुनून,
रुको,तनिक ठहरो,
कुछ पल अपने साथ रहो,
केवल अपने लिए जिओ,
मुलाकात कुछ कर लो खुद से आज,
वर्ना रह जाएगी केवल दौड़,
केवल दौड़,
एक अंधेरी दौड़,
और खुद से खुद की दूरी।।
