अमानवीय क्रूरता.
अमानवीय क्रूरता.
अमानवीय क्रूरता.
असमय भारतीय नारीयों पे छाया सन्नाटा,
सैलानीयों पर पाक आतंकीयोने मारा झपाटा।
मानवता छोड़कर, धर्म के नाम पर उन्हे बाटा,
आदमीयों व बच्चोंको बेरहमी गोलियों से काटा।
अस्थिरता पैदा करना आतंकीयो का काम हर वक्त,
जिसके लिए उन्हे मिलता है सोना,पैसा व जवाहरात।
किसी धर्मने नहीं सिखायां है,करना खूनीकर्म हर वक्त,
धर्म के कारण,खूनखराबे क्यों होते लेकर मामूली बात ?
काफिरों को मारने से क्या मिलता है सही में जन्नत,
इस धरती के अलावा अन्य कहाँ हो सकती है जन्नत।
सियासी हुकमरान कराते है, धर्म के नामपर सियासत,
नागरिक या लष्करी, किसी भी सूबेका वो हो राजनेता।
अपनी मंजिल पाने के लिए सिर्फ करता वो क्रूरता,
वे एक दिन मिटा देंगे पूरी कायनात और मानवता।
मानवीय निर्दयता, धरा से मिटा देगीं यह मानवता,
दुश्मनों को सबक सिखाने से क्या बचेगी मानवता?
कौन सही, कोण गलत यह नहीं किसिको पता,
इस धरती के मानव को दिखानी होगी गंभीरता।
मानवता के लिए जरूरी हैं सहनशीलता व सभ्यता,
मनभेद,घृणा और कायरता मिटा देगी मानव सभ्यता।
अब परमाणुयुग में कौन करेगा मानव रक्षा की बात,
क्या सियासतदानों का अंहनकार कभी होगा समाप्त?
ऐसा ही चलता रहा जनता के आकाओं का षड्यंत्र,
क्या बचेगा कोई धर्म,जब मानवजात का होगा अंत?
धर्म के लिए मानव या मानव के लिए है धर्म,
कौन सुलझाएंगा मानवीहित का यह जटिल कर्म।
बिना मनुष्य के कैसा जिंदा रहेगां धरती पर धर्म,
धर्म नहीं,मानव व मानवता बचानेका करना है कर्म।
मनुष्य ही है सभी धर्मग्रंथों का असली रचनाकार,
उसके विचारधारा के प्रभाव से मिला ग्रंथको आकार।
आम जनता में आदर्श समाजव्यवस्था करना था साकार,
धर्म के ठेकेदारोंने निहित स्वार्थ के लिए बदले मूल विचार।
Arun Gode
12, Mausam colony,
Nagpur.
9890883959.

