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Arun Gode

Abstract

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Arun Gode

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अहिंसा मानवता का ब्रह्मास्त्र.

अहिंसा मानवता का ब्रह्मास्त्र.

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अहिंसा मानवता का ब्रह्मास्त्र

अहिंसा विश्व का सबसे बड़ा सफलतम शस्त्र,

उसने औपनिवेशिक शासन के उतारे थे वस्त्र।  

मानवीविकास व मानवताका वह कारगर शस्त्र,

विश्व शांती के लिए सदाबाहर औजार एकमात्र।  


महाशक्तियां बनाती है आधुनिक अनगिनत शस्त्र,

उसे बेचने के लिए चाहिए एक बड़ा विश्व बाजार।  

षडयंत्रोंसे छोटे राष्ट्रमें खड़ी करते शत्रुता की दीवार,  

उनके अस्त्रके लिए विश्व में मिले उन्हे बड़ा बाजार।  


उनके आपसी झगडों से बढ़ेगां उनका शस्त्र व्यापार,

बदले में उनके सस्ते कुदरती संसाधनों होगा व्यापार।

मानव के विकास पर नहीं किसी की अभी पेनी नजर,

शस्त्रके लिए छोटे राष्ट्र बेच रहे उनके संसाधन अपार।   



छोटे-बड़े देशों में भी हो रहा अकारण युध्द भयंकर,           

जीस में कुदरती संसाधनोंका हो रहा उपयोग जमकर।  

मानवीविकास के लिए विश्व नहीं कोई योजना कारगर,

अपने हितों के लिए महाद्वीपों में चल रही है तकरार।  


अहिंसा में है सभी हटियारों से शक्ति अपार,

अहिंसा लाएगीं विश्व में हर जगह शांती अपार।   

शांती से होता हर मानव का विकास सभी और,

विकास से होगां इस धरापर मानवताका बेड़ापार।  



गांधीने दिया पृथ्वीवासियों को अनोखा हथियार,

भारत के स्वाधीनता में अहिसाही था बड़ा औजार।  

नेल्सन मंडेला,मार्टिन लूथर किंग ने अजमायां हथियार,

उन्होंने भी गाड़े थे सफलता के झंडे उनके जन्मभूमिपार।  


अहिंसा है विश्व शांती और मानवता क ब्रह्मोस,

आधुनिक शस्त्रों के दौड़ में धरती भी हो सकती नष्ट।  

संसाधनों के दोहन से आनेवाले नस्लोंको होगां कष्ट,

हिंसा से मानवताकी रक्षा करने की सोच ही असपष्ट।   


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