अलविदा
अलविदा
हम यहाँ से निकले तो हम बहक जाएंगे
सचमुच अब हम भी कहीं पे छलक जाएंगे।
मैंने सिर्फ अलविदा कहाँ हैं दोस्तों
मुझे कहाँ पता था आज आसूँ भी चमक जाएंगे।
आज बहुत कुछ कहने वाले थे हम
पर सोचा सुनते सुनते आप भी थक जाऐंगे।
जाते जाते हर एक जख्म भर जाएगा
पर आप सबकी यादों में हम सच में ढक जाऐंगे।
इतने साल हमनें साथ बिताये
अब बोलने से क्या फायदा हम थोड़ा रुक जाऐंगे।
इस सल्तनत से हम निकले जरूर हैं
पर दोस्तों आपके सिवाय हम आगे जाएंगे।
तो सचमुच हम कहीं और भटक जाएंगे।