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Rahul Kumar Rajak

Tragedy

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Rahul Kumar Rajak

Tragedy

अल्फ़ाज़

अल्फ़ाज़

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इश्क में मैंने उसे भी रोते देखा था,

मैंने जब घर का आइना देखा था।


उससे मिल कर इश्क का एहसास हुआ मुझे,

मैंने जिसे कई बार छुप कर देखा था।


छू कर उसे देखने की तमन्ना थी मुझे,

मैंने जिसके बस खुबसूरत लबो को देखा था।


धुंधली हो गई हैं यादें लेकिन, मैंने आखिरी

बार किसी शख्स को इतने करीब से देखा था।


जाने कितना खुशनसीब रहा होगा वो शख्स,

मैंने जिसका नाम उसके हाथ पर देखा था।।



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