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Rahul Kumar Rajak

Abstract

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Rahul Kumar Rajak

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जिंदगी की सीख

जिंदगी की सीख

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कश्ती को हर बार किनारे लाना पड़ता है

मोहब्बत में तो सबको टूट जाना पड़ता है।


आंँखों में सपने पालने के किराए चुकाने पड़ते हैं,

आखिर में क्यों उन सपनों को भूल जाना पड़ता है।


इस दुनिया में दौलत तो हर शख्स कमा ही लेता है

यहाँ शोहरत बड़ी मेहनत से कमाना पड़ता है


लाजमी नहीं कि हर रात आंखों में नींद आ ही जाए,

चैन की नींद के लिए हमें ईमान बचाना पड़ता है


इंसान, इंसान के काम आखिर कब आएगा,

यहाँ कितनों को भूखे पेट रात बिताना पड़ता है


और जिंदगी भी हमें आसानी से मुकाम नहीं देती,

जिंदगी में मुकाम के लिए हमें ठोकर खाना पड़ता है


इतना आसान भी नहीं किसी लड़के के लिए रो पाना,

आंँसू छुपाने के लिए उसे बारिश में भींग जाना पड़ता है


दोस्ती अगर किसी से करो तो आईने की तरह,

कि,आईने को टूट कर भी सच बताना पड़ता है


बिछड़ों कभी किसी से तो कोई गीत ग़ज़ल लिखा करो

याद के तौर पर हमें यहांँ कुछ छोड़ जाना पड़ता है।



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