अजन्मा (Abortion)
अजन्मा (Abortion)
अभी तो साँसे बन रही थी,
उँगलियाँ आकार ले रही थी।
कदमों में न जान थी,
न बनी कोई पहचान थी।
तेरा ही अंश थी या कोई बेबसी,
बता माँ क्यूँ रह गई मैं अजन्मी ।
मेरे जन्म से क्या तुम हो जाती कलंकिनी ?
मैं था आपकी मजबूरी या लाचारी,
तेरी मस्ती थी या पिता की खुमारी।
गूँजने से पहले निगल गए मेरी किलकारी,
आखिर मुझे अजन्मा होने की क्यों सजा दी ?
