मेरे जन्म से क्या तुम हो जाती कलंकिनी ? मेरे जन्म से क्या तुम हो जाती कलंकिनी ?
समाज आज भी इनको अपनाना नहीं चाहता हैं तो फिर,आप सब ही बताए कैसे यह समाज बदलेगा? समाज आज भी इनको अपनाना नहीं चाहता हैं तो फिर,आप सब ही बताए कैसे यह समाज...
मुझे बचालो मेरे पापा मैं तेरे दिल का टुकड़ा हूँ। मम्मा का बचपन है मुझमें, उसका ही सुं मुझे बचालो मेरे पापा मैं तेरे दिल का टुकड़ा हूँ। मम्मा का बचपन है मुझमें, ...
पढ़ें, आज के हालात पर लिखी गई रचना.. पढ़ें, आज के हालात पर लिखी गई रचना..