अजनबी
अजनबी
गीत
दूरी कब महसूस हुई है,
पल पल साथ निभाया !
धड़कन में जो रचा बसा है,
वह साथी कहलाया !!
चला अजनबी, नई राह पर,
हाथ थाम कर आगे !
राह लगी स्वागत को आतुर,
हम ठहरे बड़भागे !
संस्कारी अनुबंधों ने है,
जीवन को महकाया !!
धड़कन में जो रचा बसा है,
वह साथी कहलाया !!
आती जाती परछाई ज्यों,
सुख दुख ऐसे ठहरे !
विश्वासों का दिया धरातल,
जग बैठाए पहरे !
सहभागी पल पल का ठहरा,
जिसकी गहरी छाया !!
धड़कन में जो रचा बसा है,
वह साथी कहलाया !!
सधे हुए लक्ष्यों को मिल जुल,
निर्णय से है साधा !
रखी सहमति विषय कोई हो,
कटी राह की बाधा !
इक दूजे के बिना अधूरे,
तब रिश्ता गहराया !!
धड़कन में जो रचा बसा है,
वह साथी कहलाया !!
आकर्षण नित बढ़ता जाता,
अतरंगी पल भाते !
क्या खोया है क्या पाया है,
कल का गणित लगाते !
जीवन साधे से सधता है,
मूल मंत्र अपनाया !!
धड़कन में जो रचा बसा है,
वह साथी कहलाया !!