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PRADYUMNA AROTHIYA

Romance Tragedy

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PRADYUMNA AROTHIYA

Romance Tragedy

अजनबी आँखों वाली

अजनबी आँखों वाली

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अजनबी आखों वाली एक लड़की से

एक रोज जो मुलाकात हुई।

किधर से आई थी वो किधर चली गई

जिंदगी में बिन बादल जैसे बरसात हुई।।


न छुआ था तन मैंने

न कोई आवाज हुई।

उस शहर की तंग गलियों में

मेरी जिंदगी तन्हा हुई।।


आवाज देता किसको

किससे वो खामोश बात हुई।

अनजाने सफर की

वो कोई अनजान बात हुई।।


देखने वालों ने देखा मुझे

मुझे ही हैरानी हुई।

एक जीता जागता सा सपना

सपने में ही मुलाकात हुई।।


जिंदगी एक खाली कॉपी सी

पहले भी हुई।

आज जब टूटा ख्वाब 

तो फिर वही बात हुई।।


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