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Surendra kumar singh

Action Others

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Surendra kumar singh

Action Others

अजीब हाल है

अजीब हाल है

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अजीब हाल है

देश की राजधानी दिल्ली का

दहशत है, अविश्वास है

संशय है, धोखा है

बेचैनियां हैं 

इरादे हैं, ख्वाहिशें हैं

और इन सबकी वजह भी है

लोकतंत्र ने अपनी राजधानी

दिल्ली बनाया है

और जीवन ने अपनी

राजधानी दिमाग

दिल्ली दिमाग से चल रही है

और देश चलाने के लिए

बनाये गए संविधान के विरुद्ध

और पक्ष में भी

अंधविश्वास की आंधी चल रही है

विवेक मौन है

प्रेम सोया हुआ है

जिम्मेदारियां अलसायी हुयी हैं

विश्वास है कि

ये दिन भी गुजर जाएंगे

गुजर रहे हैं।


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