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Pankaj Prabhat

Romance

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Pankaj Prabhat

Romance

ऐ चंचल सोख हसीना

ऐ चंचल सोख हसीना

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ऐ चंचल सोख हसीना, मेरी जाने बहार हो तुम, 

दिल का करार हो तुम, धड़कन का तार हो तुम,

ऐ चंचल सोख हसीना…...


मिलते ना जो तुमसे, तो खुद को कैसे पाते,

करते ना जो प्यार तुमसे, तो कैसे जान पाते।

तुम साँस हो हमारी, तुमसे है दिल में धड़कन,

तेरी दिलनशी के बिन, हम कैसे मुस्कुराते।

ऐ चंचल सोख हसीना…...


तेरी आँखों के शहर में, मेरा अक्स झिलमिलाए,

तेरी पलकों के सहारे, मेरा इश्क झूम जाए।

अब तो मेरी तमन्ना, मेरी हर मुराद हो तुम,

दिन की आस हो तुम, रातों का ख्वाब हो तुम।

ऐ चंचल सोख हसीना…...


आओ करीब आओ, पलकों पे बैठ जाओ,

आंखों में झूम जाओ, दिल में मेरे समाओ।

मिल जाओ मुझमें ऐसे, हम-तुम जुदा नही हों,

पंकज की तुम खुशबू, तुम मुझसे जुदा नही हो।

ऐ चंचल सोख हसीना…...



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