अहसास
अहसास
हाथो में पत्थर गोले बंदूके थमाकर तुम्हें क्या मिलेगा
चंदन की खुशबू फिजा में घुले तो कोई बात बने
शिद्दत से बुने हुए ख्खाबो को तोड़कर तुम्हे क्या मिलेगा
जिंदगी में प्यार का अहसास सुकून के साथ मिले तो कोई बात बने
कितने गुजर गये है लम्हे बिना सांस लिए
बेचैनी को उम्मीदों की खुशियाँ रास आये तो कोई बात बने
मत रख किसीसे उम्मीद हिस्से का अपने फर्ज निभाकर
कयामत के दिन चेहरे पर नूर आये तो कोई बात बने
थकान को ओढ़कर रात सो गई 'नालंदा' बेखबर
झरोखों से सुनहरी किरणें दामन को भर दे तो कोई बात बने।