अहसास
अहसास
नज़रों से मिल गई जो नजर
जाम आँखो से झलकने लगे
जिस्म से रूह का हो रहा है मिलन
धडकने तेज हैं , साँसे मध्यम
आज उन से बिछड़ना ग्वारा नही।
रूह की महक मदहोश करने लगी।
आगोश मे सिमटने लगे।
ख्याल आने से संवरने लगे।
तेरा दूर होना सह न सकेगे।
छलकती आँखो का तूफान थम न पायेगा।
तेरे कांधे पर आखिरी हिचकी आये।
आंक्षी का सुख .......
काश...... बिन बोले समझ जाए।