तू ही राहत
तू ही राहत
तू ही राहत है तू ही चाहत है
तू ही धड़कन है तू ही तड़पन है
फूलो से जो आती खुशबू मन्त्रमुग्ध कर जाती खुशबू
फिज़ाओ को जो महकाती है वो खुशबू तू है
अंधेरों मे जो राह दिखाए वो जुगनू तू है
रात मे जो चाँद नज़र आये वो तू है
धड़कनो का चलना भी तू है
मंजिलों का मिलना भी तू है
नदियों का घाट भी तू है
समंदर का किनारा भी तू है
तू ही मेरे मन की मनमर्जीया है
तू ही मेरे दिल की अरजिया है
तू ही राहत है तू ही चाहत है
तू ही धड़कन है तू ही तड़पन है।