इजहारे प्यार
इजहारे प्यार
ना जाने क्यूँ है तुझसे इतना प्यार
इतने बरस बाद भी
दिल रहता है तेरे लिए बेकरार
होती हैं हम मे भी तकरार
पर फिर भी है प्यार जो है बेशुमार
आज भी तेरे कंधे पे सर रख सुकून पाती हूँ
तेरी बाहों में आ कर हर गम भुला जाती हूँ
तेरे लबों की छूने से सिमट जाती हूँ
लता के जैसे तुझसे लिपट जाती हूँ
हर पल तेरा साथ चाहती हूँ
यूं ही देना हमेशा मेरा साथ,
थामे रहना मेरा हाथ।