शांत मन
शांत मन
शांत, शांत, शांत
ऐ मन तू हो जा शांत
मत घबरा उन लहरों से,
जो हो गई है बेकाबू और
अशांत
डर के जो तू भागेगा,
ये तो तुझे और डरायेगा
एक छोर से दूजी ओर
तुझे ये भगायेगा
दीर्घ साँस ले और
बंद कर दे अपने नयन
तुझे अभी तो ना जाने
पूरे करने है कितने सपन
उन सतरंगी सपनों की
लहरों में तू सो जा
शांत, शांत, शांत
ऐ मन तू शांत हो जा।