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रंजना उपाध्याय

Romance

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रंजना उपाध्याय

Romance

अनकही बातें

अनकही बातें

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छोटी सी बात थी,बस बोल देते तुम।

कोई शिक़वा यदि था तो बोल देते तुम।।

लगता है एक दूसरे को जानते ही नही।

इस क़दर आजमाने की जरूरत ही क्या।।

एक बार अपने दिल से तोल लेते तुम।

बिखरता न ही तब कुछ भी न वक्त न लोग।।

अपने दिल मे एक बार टटोल लेते तुम।

तन्हा होकर टूट कर बिखर चुकी हूँ ।।

इतनी भी क्या नफरत हुई जो छोड़ गए तुम।

अपने प्रेम के कुँए में धकेल दिए हो।।

एक बार प्रेम के कुएँ में ढूढ़ लेते तुम।

छोटी सी बात थी बस बोल देते तुम।।


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