भाई बहन का प्यार ,रक्षाबंधन का
भाई बहन का प्यार ,रक्षाबंधन का
गाँव गली चौराहों पर छाई खुशियों की बौछार है,
आओ हम सब झूला झूले नागपंचमी त्योहार है।
कजली गाओ मेहंदी लगाओ सावन का त्योहार है,
इस समय बेटियों के आने से भरता घर संसार है।
बेटी को विदा कराकर लाओ बहु की करो विदाई,
दोनो बेटी अपने अपने माँ के संग खाये मिठाई।
फिर रक्षाबंधन का पवित्र बंधन आएगा त्योहार,
फिर भाई को बहन राखी बांध कर मांगेगी उपहार।
भाई बहन के रिश्ते को मजबूत करेंगे अपने प्रेम से,
यह रक्षाबंधन का त्यौहार मनाएंगे रेशम की डोर से।
मां पिता के बाद यह भाई बनता है मां पिता की छाया,
भाई बहन के प्रेम का बंधन यह जीवन भर की माया।
भाई छोटा हो या बड़ा जब बहनों को दुखी देखता है,
खुद को रोक न पाए बहनों से पहले दुःखी हो जाता है।
