Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Madhu Gupta

Classics Fantasy Inspirational

4  

Madhu Gupta

Classics Fantasy Inspirational

अहंकार

अहंकार

1 min
273


अहंकार की जड़े ना अपने अंदर कभी पनपने देना तुम 

अहंकार तलवार है ऐसी जो तुमको कतरा कतरा कटेगी

रहकर तुम्हारे अंदर वह तुम को ही अंदर से मारेगी

इसीलिए मैं कहती हूं 'अहंकार' को अपने अंदर, कभी ना आने देना तुम....!! 


अहंकार जब हो जाए हावी, तब मनुष्य नहीं वो रह जाता है

उसको लगता जैसे दुनिया उसके कदमों पर आके रुकती हैं

एहसास नहीं रहता कुछ भी, सही गलत सब भूल जाता है

हर बात सही लगे उसे, अपनी पर दूजे की ना भाती है....!!


अहंकार जब सिर उठाए खड़ा हो जाए, मनुष्य वही गिर जाता है

अहंकार जन्म देता है क्रोध को, तब बुद्धि में सेंध लगाता है

ह्रदय में ज्वाला क्रोध की जलती तब बुद्धि को कुछ समझ ना आता है

अहंकार वो विष है ऐसा जो जीवन को जहर से भरता है....!! 


अहंकार जीवन में देखो, क्या क्या रंग दिखाता है

सारे रिश्तों को पल भर में अपनों से दूर कर जाता है

झुकने को तैयार ना होता अपनी अकड़ दिखाता है

अहंकार की जड़े जब फैले तब दोस्त भी दुश्मन बन जाता है....!! 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics