सुंदर है जिसकी काया
सुंदर है जिसकी काया
सुंदर है जिसकी काया
माखण मिस्री जिसने खाया।
मनमोहक है जिसकी माया
गोपीयों संग जिसने रास रचाया ।
नरसिंह ने भी जिसका गुणगान गाया
राधा रानी की है जो छाया
सुदामा ने सच्चा दोस्त जिसमें पाया
मीराबाई ने तो उसके सिवा और कुछ नहीं
भाया
जिसने हर किरदार बखूबी निभाया
माखण मिस्री जिसने खाया।
ऐसे भगवान पुरुषोत्तम को जन्मदिन की खूब खूब बधाईया।