क्या दूं मैं ? | Poetry For Parents
क्या दूं मैं ? | Poetry For Parents
क्या दूं तोहफ़ा में उनको,
जिनका अनमोल तोहफ़ा ही है मेरा हंसता चेहरा ।
क्या मांगूँ रब से उनके लिए,
जो खुद मांगते है रब से दुआ मेरे लिए ।
कैसे करूँ शुक्रिया अदा मैं उनको,
"शुक्रिया" शब्द भी फीका है उनके लिए ।
क्या लिखूं मैं उनके लिए,
हर रोज उनसे नई कहानियां सुनकर पली हूं मैं ।
क्या गाना गाऊँ मैं उनके लिए,
जो मेरे सारे राग में लय पुराते है ।
किस नाम से बुलाऊं मैं उनको,
फरिश्ते का कहा कोई एक नाम होता है ।
कहां घुमाने ले जाऊं मैं उनको,
मेरे आगे कदमों को देखते ही जो आसमान को छू लेते हैं
किन रंगो से बनाऊँ छवि मैं उनकी,
जो ख़ुद मेघधनुष्य बनकर मेरे जीवन में रंग भरते है ।
क्या खिलाऊं मैं उनको,
जिनके हाथों में अन्नपूर्णा का स्वाद और
मेहनत का मीठा पकवान बसा हो ।
Your Lovely Daughter