STORYMIRROR

Sunita B Pandya

Abstract Inspirational Others

3  

Sunita B Pandya

Abstract Inspirational Others

मेरे पापा

मेरे पापा

1 min
105

पहला कागज़, पहली कलम, पहला अक्षर मेरे पापा

पहला अक्षर, पहला शब्द, पहला गीत मेरे पापा


    गोल चेहरा, बड़ी आँखें,

    काली फ्रेम के चश्मे के सामने,

    दुनिया के सारे नूर भी हो जाए फीके,

    ऐसे सुपर हीरो मेरे पापा।


     महादेव के है वो भक्त,

     शक्ति की करे उपासना।

     दीनबंधु दिखे जहां भी,

     एक पुकार में ही दौड़े।

     सबको लगे वो अपने,

   ऐसे Gentleman है मेरे पापा।


पहला केनवास, पहला रंग, पहला आर्ट मेरे पापा।

पहली दहलीज, पहली सीख, पहली जीत मेरे पापा।


     कर्म पे करे भरोसा,

     कर्म को ही माने ख़ुदा।

     मेरे शोख करने पूरे,

    अपने शोख से रहे दूर।

   ऐसे उदारदिल है मेरे पापा।


दुनिया के इस अंधकार में भरोसा करके मुझ में दी प्रकाश की किरण।

A.C में हम रहे, इसलिए धूप में वो है रहे ।


झूठ ही सही कह देता जब कोई आपके जैसी हूं मैं,

तो फूले नहीं समाती इतनी खुशी महसूस करती हूं पापा।


जहां भी जाऊँ पहचान जाए सभी मुझे, मेरा तो ICard है मेरे पापा।

पहली रसोई बिगड़ी तब भी, मुस्कुरा के खा गए सारी ऐसे है मेरे पापा।


पहला ख़ुदा, पहला मंदिर, पहली प्रार्थना मेरे पापा ।

पहला सम्मान , पहली सीख , पहली सबक मेरे पापा ।

              पापा की परी


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract