कभी खाली आकाश को तक रही हूँँ। कभी खाली आकाश को तक रही हूँँ।
न जाने मंजिल का ठिकाना न जाने, किस्मत का ठिकाना, उसी राह पर खड़ी है, उसी राह पर खड़ी है। न जाने मंजिल का ठिकाना न जाने, किस्मत का ठिकाना, उसी राह पर खड़ी है, उसी रा...
ज़िन्दगी भर का लेखा जोखा मेरा कृत कृत्य और धोखा ज़िन्दगी भर का लेखा जोखा मेरा कृत कृत्य और धोखा
लो बारिश में जले इश्क आंखो में समंदर उभर गये। लो बारिश में जले इश्क आंखो में समंदर उभर गये।
सूरज की रौशनी से महरूम रहा मेरा घर, घिरा रहा अंधेरों में, जुगनुओं ने साथ निभाया, यही बहुत है... सूरज की रौशनी से महरूम रहा मेरा घर, घिरा रहा अंधेरों में, जुगनुओं ने साथ निभा...
किसी से अलग होना आसान नहीं होता... इसीलिए तो रूह को लेने फरिश्तों को आना पडता है... किसी से अलग होना आसान नहीं होता... इसीलिए तो रूह को लेने फरिश्तों को आना पडता है...