अजीब दुनिया
अजीब दुनिया
1 min
188
ख़ुशी की मौसम में होगी फूलों की बारिश
इतनी ही छोटी थी मेरी ख्वाहिश …
आज फूल तो खिलें हैं बहुत
मगर कहाँ गई वो रुत?
वसंत के मौसम पर
जब धूप ही धूप छाए,
दिल की यह पक्षीवर
तब कैसे गाना गाए!
समय के साथ बदलते रहे तमन्ना,
मिले न मिले, दिल भूल जाते है चाहना…
वांछित समय पर चीजें क्यों नहीं मिलतीं?
इच्छा हमेशा के लिए स्थिर क्यों नहीं होती?
