भाई का प्यार बहन की लाज
भाई का प्यार बहन की लाज
भाई और बहन,
आपस में,
प्यार से बंधे,
कभी दोस्त,
कभी मां बाप,
कभी साझेदार,
कभी मददगार,
और कभी खून के रिश्ते से बंधे।
जब कभी भाई कठिनाई में आता,
सबसे पहले,
बहन को बताता,
अगर न बने बात,
तो बहन मामला आगे बढ़ाती,
और मां बाप से वकालत करती,
मामला जमाती,
जिससे भाई को न,
आए दिक्कत,
तुरंत निकले समाधान।
भाई भी,
बहन की इज्जत रखता,
हर मामले में,
उसका सारथी होता,
जो बात,
बहन किसी से न कह सके,
भाई से दोस्तों की तरह,
बता सके।
ऐसी सूझबूझ को,
और सुदृढ़ बनाने को,
प्यार को और,
बढ़ाने को,
इसको मान्यता देने को,
रक्षाबंधन मनाया जाता,
बहन भाई की कलाई पर,
बांधती एक धागा,
भगवान को मान साक्षी,
भाई भी,
बहन को देता वचन,
जब भी कभी याद करोगी,
भाई को पास पाओगी।