अगर मुमकिन होता
अगर मुमकिन होता
अगर मुमकिन होता तो मैं हमेशा के लिए
तुम्हारी हो जाती
और फिर तेरे सीने से लग तेरी एक एक धड़कनों
को सुनती
तेरे एहसासों को समझने की कोशिश करती
सुनती तो अब भी हूं तेरी धड़कनों को
एहसासों को भी हूं समझती
मगर डर डर कर संभल संभल कर
काश ऐसा संभव होता खुल कर ऐसा करती
बिन नाम के बिन स्वार्थ के बने
इस रिश्ते को उम्र भर शान से निभाती
काश ऐसा हो सकता काश.......

