लिखते हैं दर्द अपना
लिखते हैं दर्द अपना
लिखते हैं दर्द अपना
पर दिखता नहीं है किसी को
दर्द की कहानी जितनी गहरी होगी
पसंद आएंगी उतनी ज्यादा सभी को
तारीफ उतनी ही ज्यादा होगी अल्फाजों की
मगर हकीकत है ये,समझ आता नहीं है किसी को
दर्द पर मुस्कुराते मिलेंगे सभी
उस पर मरहम लगा दे
महसूस होता नहीं है किसी को
अजीब दास्तां है इस दुनिया का
जब तक जिंदा रहो कमियां
ही दिखती है हर एक को
मरने के बाद दिखती है खूबियां सभी को।।
