STORYMIRROR

Amrita Rai

Tragedy

4  

Amrita Rai

Tragedy

लिखते हैं दर्द अपना

लिखते हैं दर्द अपना

1 min
217

लिखते हैं दर्द अपना

पर दिखता नहीं है किसी को

दर्द की कहानी जितनी गहरी होगी

पसंद आएंगी उतनी ज्यादा सभी को

तारीफ उतनी ही ज्यादा होगी अल्फाजों की

मगर हकीकत है ये,समझ आता नहीं है किसी को

दर्द पर मुस्कुराते मिलेंगे सभी

उस पर मरहम लगा दे

महसूस होता नहीं है किसी को

अजीब दास्तां है इस दुनिया का

जब तक जिंदा रहो कमियां

ही दिखती है हर एक को

मरने के बाद दिखती है खूबियां सभी को।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy