Amrita Rai
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कर लिया जिसने उफनते सिंधु को खुद में समाहित,
वो हमारे नैन है, नैन सा दूजा कोई सागर नहीं,
हम अकेले चल रहे हमें किसी का भय नहीं,
पार कर लेंगे हर कठिन रास्ता इसमें जरा भी संशय नहीं।।
पल दो पल का य...
हमारे नैन
गुजारिश है तु...
लिखते हैं दर्...
हर रोज इरादा ...
अच्छा लगने लग...
लिखते लिखते र...
खुद को संभाल ...
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हर अदा तुम्हा...