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Shashi Aswal

Romance

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Shashi Aswal

Romance

अगर मैं हवा होती

अगर मैं हवा होती

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अगर मैं हवा होती,

जरूर तेरे पास आती,

तेरे जिस्म से उतरकर,

तेरी रूह में समा जाती।


मरते दम तक तेरे पास होती,

मैं तुझसे कभी जुदा न होती,

पर सुना है हवा भी जहरीली हो गई है,

मैं फिर पहाड़ों पर जाती।


वहाँ तो सब कुछ साफ होता है,

तुम्हें भी अपने संग ले चलती,

अगर मैं हवा होती।


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