अगर मैं हवा होती
अगर मैं हवा होती
अगर मैं हवा होती,
जरूर तेरे पास आती,
तेरे जिस्म से उतरकर,
तेरी रूह में समा जाती।
मरते दम तक तेरे पास होती,
मैं तुझसे कभी जुदा न होती,
पर सुना है हवा भी जहरीली हो गई है,
मैं फिर पहाड़ों पर जाती।
वहाँ तो सब कुछ साफ होता है,
तुम्हें भी अपने संग ले चलती,
अगर मैं हवा होती।