अग्निपरीक्षा
अग्निपरीक्षा
अग्निपरीक्षा सीता की क्यों, क्योंकि वो एक नारी है
हे पुरुष समाज़ तुम्हारी अक्ल सदैव की मारी है
स्त्री एक देवी तुल्य नारी है ये नारा तुम्हारा जारी है
फिर क्यों घड़ी घड़ी उसकी परीक्षा की तैयारी है
दोष तुम्हारी नजरों में कपड़ों की गलती सारी है
अग्निपरीक्षा सीता की क्यों, क्योंकि वो एक नारी है
जानवर सी हवस तुम्हारी गलती बोलो किसकी है
देख कर एक अकेली नारी नियत तुम्हारी फिसली है
उसको तो खबर नहीं आनी थी उस पर विपदा भारी है
लेकर अपने संगी साथी उसके पीछे तुम्हारी सवारी थी
अग्निपरीक्षा सीता की क्यों, क्योंकि वो एक नारी है
उसकी आबरू को तार तार कर उसको ही गलत बताते है
एक अकेली नारी पर तुम जैसे सब इतना अन्याय करते हैं
फिर अपनी गलती को छिपाने को उसको जिंदा जलाते हैं
किसी की जान लेकर, कैसे सुकून भरी जिंदगी जिये जाते हैं
अग्निपरीक्षा सीता की क्यों, क्योंकि वो एक नारी है।