अबॉरशन /हत्या
अबॉरशन /हत्या
हत्या जघन्य है,
फिर!!!
क्यों करते मेरी हत्या,?
अजन्मी हुँ !
आकार नही,
भूर्ण हुँ !
साकार नही,
शायद मैं ....
कन्या भूर्ण हुँ!
या नाजायज़ ऋण हुँ,
जीवन से पूर्ण हुँ,
सिर्फ समझ का फेर है,
मै सृजन का उत्सव,
मुझसे ये जीवन!
माँ तूम प्रतिबद्ध हो,
मुझे जन्म देने को कटिबद्ध हों।
यदि माँ ठान लें तो यह नामुमकिन नही
