अभिनंदन
अभिनंदन
दुश्मन के खेमे में ग़लती से,
जब जा पहुँचा अपना फ़ौजी ।
वो समझें क्या बात, हमने तो,
मार ली अपनी बाज़ी ।।
ख़ून से लथपथ घायल सिपाही,
ने ख़ूब दिखाई जाँबाज़ी ।
पूछ पूछ के, पीट पीट के,
थक गये सब ज़ल्लादी ।।
आख़िर झुका दिया घुटने पे,
करते रह गये वो मर्दन।
भारत माँ के वीर सपूत,
करते हैं तुमको अभिनन्दन ।।