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manish shukla

Tragedy

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manish shukla

Tragedy

अबार्शन

अबार्शन

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मुझे अहसास है,

तुझे भी अहसास है,

ये भूल नहीं,

मर्यादा का ह्रास है


ये प्यार है या पाप,

लोकलाज का सवाल है,

पर्दा इस पर डालना,

सौ अपराध समान है


अबार्शन है प्यार की हत्या,

इसका कौन गुनहगार है

भावना के सागर में,

कूदने से पहले,

नहीं डूबने का अहसास है,


सीमाओं को लांघकर,

आनंद कलंक समान है,

अबार्शन है प्यार की हत्या,

इसका कौन गुनहगार है।


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