STORYMIRROR

Abasaheb Mhaske

Tragedy Action

4  

Abasaheb Mhaske

Tragedy Action

अब तो बोल मेरे भैय्या...

अब तो बोल मेरे भैय्या...

1 min
207

ना कोई आंकड़े दिखायेंगे 

ना कोई जांच होगी

हम जो कहे वही सच 

अब की बार लाजवाब सरकार


दुनिया भर में बज रहा हैं डंका 

साहब, क्या फर्क पड़ता हैं सच 

हो या झूठ, महंगाई हो या लूट 

चुप रहो कमबख़्तों तुम सिर्फ सुनना 


अरे भाई समझ में नहीं आता ?

काला धन आया हैं , आतंकवाद ख़त्म 

विकास तो हो रहा है मानो या ना मानो 

सत्तर साल से अब तक जो नहीं हुआ


कौन है झूठा, कौन हैं निकम्मा, कब तक रोओगे भैया 

क्यों न नाचूँ मैं ताता थइया , मैं नहीं माखन खाया 

अपने घर में चोरी करके खूब मचाऊँ शोर मेरी मर्जी ,

 फटा आकाश सिलाये कौन सा दर्जी, राष्ट्रवाद फर्जी  


कौन हैं कामचोर, कौन हैं बिलकुल निठल्ला 

झूठ का बोल बाला, लग गई लंका जाने अनजाने में 

किसकी गेंद किसका बल्ला ? हार- जीत तू ही जाने 

अरे भाई ! दुःख दर्द तो जनता को ही हैं झेलना 


ना कोई दुश्मन घुसा हैं ना बिना इलाज कोई मरा 

ऑक्सीजन के बिना कोई मरा हैं ना नदी में बहा 

सब कुछ चंगा सा, अच्छे दिन भी आये मगर किसके ? 

मैंने ही माखन खाया अब तो बोल मेरे भैय्या


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy