अब तो बोल मेरे भैय्या...
अब तो बोल मेरे भैय्या...
ना कोई आंकड़े दिखायेंगे
ना कोई जांच होगी
हम जो कहे वही सच
अब की बार लाजवाब सरकार
दुनिया भर में बज रहा हैं डंका
साहब, क्या फर्क पड़ता हैं सच
हो या झूठ, महंगाई हो या लूट
चुप रहो कमबख़्तों तुम सिर्फ सुनना
अरे भाई समझ में नहीं आता ?
काला धन आया हैं , आतंकवाद ख़त्म
विकास तो हो रहा है मानो या ना मानो
सत्तर साल से अब तक जो नहीं हुआ
कौन है झूठा, कौन हैं निकम्मा, कब तक रोओगे भैया
क्यों न नाचूँ मैं ताता थइया , मैं नहीं माखन खाया
अपने घर में चोरी करके खूब मचाऊँ शोर मेरी मर्जी ,
फटा आकाश सिलाये कौन सा दर्जी, राष्ट्रवाद फर्जी
कौन हैं कामचोर, कौन हैं बिलकुल निठल्ला
झूठ का बोल बाला, लग गई लंका जाने अनजाने में
किसकी गेंद किसका बल्ला ? हार- जीत तू ही जाने
अरे भाई ! दुःख दर्द तो जनता को ही हैं झेलना
ना कोई दुश्मन घुसा हैं ना बिना इलाज कोई मरा
ऑक्सीजन के बिना कोई मरा हैं ना नदी में बहा
सब कुछ चंगा सा, अच्छे दिन भी आये मगर किसके ?
मैंने ही माखन खाया अब तो बोल मेरे भैय्या