अब किसी पर
अब किसी पर
अब किसी पर भी
ऐतबार नही होता
बस फर्क इतना सा है
कोई कितना ही साथ चले
उससे प्यार नही होता ।
धोखा खाने की आदत
डाल ली दिल ने ,
अब दर्द पाकर पहले से
दर्द कम होता है ।
अब चीख पुकारों ने ख्वाहिशों
और हसरतों का दम तोड़ दिया है
मुझे फिर धोखा होने लगा है
तेरी जरूरत और आदतों ने साथ छोड़ दिया है ।