STORYMIRROR

PRATAP CHAUHAN

Thriller

4  

PRATAP CHAUHAN

Thriller

आसमानी तश्तरी

आसमानी तश्तरी

1 min
226

उर्वी की  परिधि में आया,

आसमान से एक सितारा।

चमचम करता वह चमकीला,

तश्तरी जैसा गोल किनारा।।

देख रही एक छत पर गुड़िया,

आसमान में यही  नजारा।

सहम गई वह उसे देखकर,

जिसका दिव्य तेज हजारा।।

मन में बोली गुड़िया रानी...

गोल जहाज किसी दुनिया से,

आया लगता मुझसे मिलने।

आसमान की  सैर  करेगी,

शायद ऐसा आया कहने।।

तभी एलियन छत पर कूदा,

ऐं ओं....ऐं ओं करके बोला।

लगी गूंजने तीव्र ध्वनियां,

दोनों होठों को जब खोला।।

लगी  खेलने  गुड़िया  रानी,

बिछा के छत पर एक बिछौना।

हाव भाव से चाल ढाल से,

लगे  एलियन एक खिलौना।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Thriller