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Ruchika Rai

Abstract

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Ruchika Rai

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आशा

आशा

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हर जगती किरणों के साथ एक नई आशा जगती है,

मन में जीने की एक नई उम्मीद पलती है,

छंट जायेंगे ये गम के बादल जरूर,

ये जिंदगी हौले से कानों में कहती है।


आशा नहीं फिर जीवन बने रेगिस्तान,

आशा का है जीवन में बड़ा ही स्थान,

ये जिंदगी हर पल मुझको कहती है,

हर घने तिमिर के बाद सुबह का है मान।


आशा से ही जीवन समर जीत सकते,

बिन आशा के पल पल में हम मरते,

आशा मन में सदा ही हिम्मत भरती है,

आशा से ही जीवन बाधा पार कर सकते।


आशा का मन में तुम संचार करो,

अपने जीवन का होना तुम साकार करो,

आशा रखो आज से बेहतर कल होगा,

सोये हृदय में आशा जगाकर उपकार करो।



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