आशा की किरण
आशा की किरण
जब से तुम आए जीवन में खुशियों की सौगात मिली ।
जैसे पाख अंधेरी में एक चमक चांदनी रात मिली ।
देख के तुमको अपने समीप दिल बाग बाग हो जाता है।
जब नजरों से ओझल होतीं मन को बैराग हो जाता है ।
चेहरा सुंदर चांदी जैसा सोने सा बदन मनभावन है।
काले केश जैसे बादल नभ में यौवन रूप लुभावन है।
कामदेव की रति के जैसा हर अंग में एक आकर्षण है ।
जिसमे तुम खुद को देखती हो नजरा जाता वो दर्पण है ।
अधर गुलाबों की पंखुड़ी से लव की मुस्कान निराली है ।
दिल में घर कर देती हैं तेरी आंख जो काली काली हैं ।
प्यासा में और तुम पानी हो भूखा में और अन्न हो तुम ।
जिसके बिन मेरा जीवन सूना आशा की एक किरण हो तुम ।

