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Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Romance

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Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Romance

आपका साथ

आपका साथ

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सजने दो मुझको प्रीतम तुम, करने दो पूरा शृंगार,

कितने दिन के बाद मिले हो, छलक रहा है मेरा प्यार।


आज चलेंगे कल आएंगे, दिन कितने ही बीत गए,

नैयनों से हम बाट निहारे, कितने सावन बीत गए !


आज चलेंगे कल आएंगे, दिन कितने ही बीत गए,

नैनों से हम बाट निहारे, कितने सावन बीत गए !


कुछ पल और रुको साजन, थोड़ा और करो इंतजार सजने दो

मुझको प्रीतम तुम, करने दो पूरा शृंगार कितने दिन के बाद मिले हो,

छलक रहा है मेरा प्यार।


आज नहीं छोडुंगी तुमको, मधुशाला में व्यस्त रखूंगी,

नयनों से मदिरा छलका के, मन की आशा पूर्ण करूंगी,


आज नहीं छोडुंगी तुमको, मधुशाला में व्यस्त रखूंगी,

नयनों से मदिरा छलका के, मन की आशा पूर्ण करूंगी,


भूली-बिसरी बातों को हम, आपस में कर लें स्वीकार,

सजने दो मुझको प्रीतम तुम, करने दो पूरा शृंगार,


कितने दिन के बाद मिले हो, छलक रहा है मेरा प्यार।

अब तेरे साथ मुझे रहना है, तुमसे दूर ना जा पाएंगे,


दुख सुख के हम साथी बनकर, सपनों को सजा पाएँगे,

अब तेरे साथ मुझे रहना है, तुमसे दूर ना जा पाएंगे,


दुख सुख के हम साथी बनकर, सपनों को सजा पाएँगे,

तेरे बिन नहीं रह सकते, आप करें मेरा उपचार, सजने दो मुझको प्रीतम तुम,


करने दो पूरा शृंगार, कितने दिन के बाद मिले हो, छलक रहा है मेरा प्यार।


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